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रोहतक।  हरियाणा में केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) की विशेष अदालत ने लगभग 15 वर्ष पुराने बहुचर्चित साध्वी बलात्कार मामले में सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को आज 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनायी। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह ने यहां सुनारिया जिला जेल में स्थापित की गई अस्थायी अदालत में अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 376. 506 और 509 के तहत डेरा प्रमुख को सज़ा का फैसला सुनाया। न्यायाधीश ने डेरा प्रमुख को 65 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी सुनाया। डेरा ने कहा है कि फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। सज़ा का ऐलान होते ही जेल में मौजूद डॉक्टरों की टीम ने डेरा प्रमुख को कारागार में डालने से पूर्व उसकी चिकित्सा जांच की। डेरा प्रमुख अब जेल में कैदी नम्बर 1997 होंगे। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सुरक्षा तथा हिंसा जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सीबीआई की पंचकूला अदालत को एक दिन के लिये सुनारिया जेल स्थानांतरित करने के आदेश दिये थे। विशेष न्यायाधीश ने अपराह्न 2.30 बजे अदालती कार्यवाही शुरू की तथा सीबीआई और बचाव पक्ष को सज़ा को लेकर अपनी-अपनी दलीलें रखने के लिये दस-दस मिनट का समय दिया। सीबीआई ने अदालत से डेरा प्रमुख को अधिकतम सज़ा देने की मांग की। उसके वकील ने कहा कि 45 और पीड़िताएं हैं जिनके साथ दुष्कर्म हुआ है लेकिन वे सामने नहीं आई हैं। उनके साथ लगभग तीन साल तक दुष्कर्म होता रहा। उधर बचाव पक्ष के वकील ने डेरे द्वारा सामाजिक कार्यों, गरीबों की मदद करने आैर आम जनता की भलाई के लिये किये जा रहे कार्यों तथा डेरा प्रमुख के स्वास्थ्य का हवाला देते हुये उस पर नरमी बरतने का अनुरोध किया। इस दौरान डेरा प्रमुख राे रहा था और उसने न्यायाधीश से हाथ जोड़ कर माफी की गुहार लगाई। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला पढ़ना शुरू किया। सूत्रों के अनुसार अदालत में इस मौके पर न्यायाधीश सहित कुल नौ लोग उपस्थित थे। इनमें पीड़िता साध्वी. डेरा प्रमुख. वकील और पुलिस अधिकारी थे।

 

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