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बीकानेर ।  बीकानेर में रविवार की सुबह जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम साईकिल चलते हुवे नज़र आये।  कुमारपाल गौतम की कार्यशैली का सबसे अहम हिस्सा आमजन की समस्याओं का हल करना है, सुबह की पहली किरण के साथ ही अपने बुलंद इरादों और चिर-परिचित अंदाज के साथ बीकानेर शहर के लोगों को हो रही आम-परेशानियों से निजात दिलाने और इस शहर को और बेहतर बनाने के लिए, बिना किसी ताम-झाम के, साइकिल पर ही निकल पड़े। अपने निवास से साइकिल पर सवार होकर जैसे-जैसे वे आगे बढ़ रहे थे, उनकी पैनी निगाह शहर की हर उस समस्या पर थी, जिसका समाधान उनको आने वाले समय में करना है।  इस पूरी साइकिल यात्रा के दौरान उनके साथ जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक विकास हर्ष भी साइकिल पर सवारी करते दिखे।
साईकिल चलाते वक्त एक ओर जहाँ सड़क पर पड़े कचरे से वे आहत हो रहे थे, वहीं सड़कों पर घूमते आवारा पशु उनके दिल को कचोट रहे थे। आवारा पशुओं और गंदगी जैसी समस्याओं का समाधान सोचते-सोचते वे पुल भी पार कर गए और देखते ही देखते एम.एम. ग्राउंड तक का सफर उन्होंने पूरा कर लिया। रास्ते में जो भी समस्या दिख रही थी, वे उसे चिन्हित कर रहे थे फिर चाहे वो खुले तारों की समस्या हो, टूटी सड़कें हो, नालियों से बाहर बहता गंदा पानी हो या सड़क के बीचांे-बीच फैला कचरा हो।
हालांकि इन सभी समस्याओं के निराकरण और समाधान के लिए उन्होंने पहले भी संबंधित विभागों और निगम प्रशासन को निर्देश भी दिए थे और सचेत भी किया था। कुल मिलाकर आज की सुबह जहाँ उनकी सोच को सार्थक रही थी, वहीं बीकानेर वासियों तथा उनकी समस्याओं के निवारण के लिए नई सुबह लेकर आई। कई स्थानों पर जिला कलेक्टर को पहचानने के बाद लोग भी साथ हो लिए और अपने आस-पास की समस्याओं के समाधान के लिए मांग करने लगे।
देखा तरणताल और सुधार के दिए निर्देश
उन्होंने बताया कि नगर विकास न्यास की ओर से शहर के मध्य में निर्मित यह तरणताल अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का है, इसमें विद्यालयों के छात्र, जिला, राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी नियमित रूप से अभ्यास कर सकें, इसकी पूर्ण व्यवस्था की जाए। जिस संस्था या व्यक्ति द्वारा तरणताल के संचालन का कार्य किया जा रहा है, उसे पाबंद किया जाए कि वह विद्यार्थियों को रियायती पास जारी करे तथा प्रशिक्षित कोच रखे।
तरणताल संचालन में इनका रखे विशेष ध्यान
जिला कलक्टर ने कहा कि तरणताल में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए जाएं जिससे किसी प्रकार की दुर्घटना नहीं हो। तरणताल पर प्रत्येक पारी के दौरान दो लाइफ गार्ड, स्वीपर व प्रबंधक, फिल्टर प्लांट आॅपरेटर, प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, लेबर तथा दो सुरक्षा गार्ड रखे जाएं। सबके फोटो युक्त आई.डी.कार्ड होने चाहिए। तरणताल में पानी इतना साफ रखा जावे कि तल हमेशा नजर आएं, केमिकल्स एवं क्लोरिन की मात्रा निर्धारित मापदंड के अनुसार डाली जावे। तरणताल की चारदीवारी पर आकर्षक पेन्टिंग की जाए।
पाॅलिथीन की थैली को डाला कचरा पात्र में 
निरीक्षण के दौरान जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम ने देखा कि जिला अस्पताल के बाहर तथा जस्सूसर गेट के आसपास की दुकानों व रहने वाले लोगों द्वारा कचरा व घर का अपशिष्ट सामान प्लास्टिक की थैलियों में भरकर सड़क पर डाला हुआ था। गौतम ने इन थैलियों को उठाकर पास में रखे कचरा पात्र में डाल दिया।
ओवरलोड वाहनों से हुए रूबरू
अपने निवास से एम.एम. ग्राउण्ड तक साईकिल पर चल रहे गौतम जब जिला अस्पताल तक पंहुचे तो वहां पर चारे से भरे ओवरलोड वाहनों एवं ऊंटगाड़ों से रूबरू हुए। पुल से उतरते वक्त दो-तीन बार तो ऊंट गाड़े से बाहर निकले हुए ओवरलोड चारे से टकराने से भी बचे। मगर टूटी सड़कों और बेतरतीब चलते वाहनों से बचते हुए जिला कलक्टर पूरे विश्वास के साथ साईकिल पर चल रहे थे, साथ ही सड़क, यातायात, आधारभूत सुविधाओं के अभाव और फैली गंदगी को भी सटीक निगाहों से देख रहे थे, ताकि संबंधित विभाग के अधिकारियों को इन समस्याओं के समाधान के निर्देश दे सकें।

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