राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने ट्विटर पर प्रदेशवासियों को जन्माष्टमी की बधाई दी है। इन दोनों ने भी 24 अगस्त को ही जन्माष्टमी का पर्व मनाया। सवाल उठता है कि जब सीएम और डिप्टी सीएम स्वयं 24 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मना रहे हैं तो फिर प्रदेश में जन्माष्टमी पर्व का सरकारी अवकाश 23 अगस्त को क्यों घोषित किया गया। जबकि सरकार के वार्षिक कलेंडर में भी जन्माष्टमी का अवकाश 24 अगस्त का ही था। सरकार ने 22 अगस्त की आधी रात को अपना ही फैसला बदलते हुए प्रदेश में जन्माष्टमी का अवकाश 23 अगस्त का कर दिया।
यानि प्रदेशवासी भगवान कृष्ण का जन्म दिन एक दिन पहले ही मनाएं। हालांकि अब सरकार के इस फैसले की आलोचना हो रही है क्योंकि जन्माष्टमी का अवकाश बदलने से 24 अगस्त को प्रदेश भर के शिक्षण संस्थान खुले रहे। लाखों विद्यार्थियों और शिक्षकों को भी स्कूल-कॉलेज में उपस्थिति दर्ज करवानी पड़ी। जन्माष्टमी पर महिला शिक्षक और विद्यार्थी भी उपवास रखते हैं, लेकिन 24 अगस्त को उपवास में ही स्कूल कॉलेज जाना पड़ा। इससे महिला शिक्षकों और विद्यार्थियों की परेशानी का अंदाजा लगाया जा सकता है।
Greetings and best wishes on the auspicious occasion of Sri #KrishnaJanmashtami. May Lord #Krishna bless us all with happiness and may we be guided by his message to live life with devotion and to do good towards all.
Jai Shree Krishna.. pic.twitter.com/tIfUqrWEwv— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 24, 2019
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर की हार्दिक शुभकामनाएं|
हमें अपने जीवन में भगवान श्री कृष्ण द्वारा सिखाये हुए मित्रता, उदारता, क्षमा, सामाजिक न्याय, नैतिकता व कर्म प्रधानता जैसे मूल्यों को अपनाना चाहिए| मैं इस अवसर पर देश एवं प्रदेश की खुशहाली एवं समृद्धि की प्रार्थना करता हूँ। pic.twitter.com/v7enYT2B3k— Sachin Pilot (@SachinPilot) August 24, 2019
24 अगस्त को जब सीएम और डिप्टी सीएम अपने घरों में जन्माष्टमी का पर्व मना रहे थे, लाखों विद्यार्थी स्कूल-कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे। चूंकि 22 अगस्त की आधी रात को अवकाश बदलने का आदेश जारी हुआ इसलिए शिक्षण संस्थानों में सूचना नहीं पहुंच सकी। हजारों विद्यार्थी और शिक्षक 23 अगस्त की सुबह ही स्कूल कॉलेज पहुंच गए। समझ में नहीं आता कि सरकार ऐसे परेशानी भरे फैसले क्यों लेती हैं? क्यों हिन्दू समुदाय के त्यौंहारों से ही छेड़छाड़ की जाती है? अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने आखिर किस को खुश करने के लिए जन्माष्टमी पर्व का अवकाश बदला। सरकार के इस फैसले से सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को भले ही तीन दिनों का लगातार अवकाश मिल गया हो, लेकिन इससे प्रदेश के लाखों परिवारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। सरकार को उन बड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए जिन्होंने जन्माष्टमी पर्व का अवकाश बदलने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखा।
एस.पी.मित्तल