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हैलो बीकानेर,। बंगलादेश की अन्तर्राष्ट्रीय फैशन डिजाइनर बी.बी.रसैल ने मंगलवार को स्वराज्य समिति, छापर के उत्पादन केन्द्र रायसर (बीकानेर) में उनके निर्देशन में राजस्थान सरकार द्वारा स्वीकृत राजस्थान हैरिटेज खादी की उन्नत खादी फैब्रिक योजना के तहत स्वीकृत 27 लाख के कार्यों की प्रारंभिक अवस्था को देखा तथा कतिनों व बुनकरों से बातचीत की।

उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के सफल होने से पर देश-विदेश में खादी के ऊनी वस्त्रों की धूम रहेगी। कतिनों व बुनकरों को भी दुगना लाभ मिलेगा। उनका जीवन स्तर बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि र्वतमान में खादी मरीनों ऊन के वस्त्र 22 से 24 माइक्रोन के बनते हैं। ग्राम स्वराज्य समिति के उत्पादन केन्द्र 16 से साढ़े 16 माइक्रोन (धागे की बारीकी) के धागे से पश्मीनों की तरह स्टॉल शॉल, वूलन साड़ी व फेब्रिक बन पाएंगे। इससे कतिनों को प्रति किलोग्राम 350 रुपए की बजाए करीब एक हजार रुपएव बुनकरों को 250 की बजाए 500 रुपए, एम.डी.(बोनस), कामगार अनुग्रह राशि आदि का लाभ मिलेगा।

उन्होंने बताया कि ग्राम स्वराज्य समिति के उत्पादन केन्द्र ने वसुंधरा साड़ी सहित अनेक प्रकार के इनोवेशन कर ऊनी खादी जगत में प्रतिष्ठा बनाई है। संस्थान के नए तरीके र्काय को देखते हुए यह योजना स्वीकृत की गई है। उन्होंने ग्राम स्वराज्य समिति के उत्पादन केन्द्र के रायसर केन्द्र में कतिनों को कताई के लिए ऊन दी। बुनकरों, जय कार्ड, लूम, डोबी डिजाइन लूम आदि का अवलोकन किया तथा उनको केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं की जानकरी प्राप्त की। संस्थान सचिव सीताराम गर्ग ने केन्द्र की गतिविधियों से अवगत करवाया।

बी.बी.रसैल ने सर्किट हाउस में बीकानेर में खादी उत्पादन, बिक्री केन्द्र आदि के बारे में जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक आर.के.सेठिया सेठिया, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के संभाग अधिकारी शिशुपाल सिंह व बोर्ड के राजेन्द्र जोनवाल, ग्राम स्वराज्य समिति के उत्पादन केन्द्र के सीताराम गर्ग से बातचीत की। उन्होंने सेठिया से बीकानेर के बुनकरों व कतिनों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। सेठिया ने कतिनों को भी बुनकरों जैसी सुविधा दिलवाने के लिए भारत सरकार स्तर पर प्रयास करने की सलाह दी।

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