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नई दिल्ली।  राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्ली मेट्रो से रोजाना सफर करने वाले यात्रियों और जनसंगठनों ने किराये में असाधारण वृद्धि के फैसले का कड़ा विरोध किया है और कहा है कि पहले से मंहगाई से त्रस्त लोगों पर और मार पड़ेगी आैर यात्रा करना मुश्किल हो जाएगा । करीब छह माह के भीतर दोबारा मेट्रो किराये में वृद्धि से इन यात्रियों में गहरा आक्रोश पैदा हो गया है वे किराये में वृद्धि की पुरजोर तरीके से विरोध कर रहे हैं । इस वृद्धि से यात्रियों की कमर टूट जाएगी और औसतन दस रूपया किराया बढने से एक परिवार पर कम से कम 2000 का बोझ पड़ेगा । डीएमआरसी के फैसले से नाराज नोएडा निवासी छात्र हार्दिक अरोड़ा ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम की ओर से 10 अक्टूबर से किराये में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि एक साल में दो बार किराये में वृद्धि होने जा रही है। इस वर्ष मई में अधिकतम किराये में 60 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोत्तरी की गयी जिससे स्कूल ,कालेज ,कार्यालयों तथा अन्य स्थानों पर मेट्रो से सफर करने वाले यात्री बुरीतरह प्रभावित हुए । नोएडा से दिल्ली में कालेज जाने वाले अरोडा ने कहा कि मई में तय किराये का ढांचा इतना ज्यादा था कि इससे घरों का बजट गड़बड़ा गया । महंगाई के कारण पहले से त्रस्त लोगों की परेशानियां और बढ़ गयीं । दिल्ली रेजीडेंट फोरम के सचिव रितेश दीवान का कहना था कि दिल्ली और पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मेट्रो रेल के अलावा और कोई भरोसेमंद सार्वजनिक परिवहन प्रणाली नहीं है 1 उन्होंने कहा कि सब्जियों ,स्कूल की फीस और जरूरी चीजें पहले से ही मंहगी हो चुकी हैंं और अब मेट्रो का किराया बढ़ने से परेशानियां और बढ़ जाएंगीं । प्रशासन को किराया बढ़ाने की बजाय सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में सुधार लाना चाहिए और इसे सस्ता भी करना चाहिए ।

दिल्ली रेजीडेंट फोरम के संयोजक वीरेंद्र अरोड़ा ने कहा ,‘ आफिस के समय में हम मेट्रो में ठुंस कर जाते हैं। मुझे अपने और बच्चों के स्कूल और कालेजों के तक आने -जाने के लिए आमदनी का करीब 20 प्रतिशत हिस्सा देना पड़ता है । इतना पैसा देने के बावजूद मैं मेट्रो में जाम में फंसकर जाता हूं। ऐसे में परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। दिल्ली में महिलाओं की बेहतरी के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन महिला प्रगतिशील एसोसिएशन की रितु भाटिया ने कहा ,‘हम बिजली के बढ़े हुए बिल,बच्चों के स्कूल की फीस और मंहगाई से पहले से ही त्रस्त हैं। इसलिए मेट्रो के किराये में किसीतरह की बढ़ोत्तरी नहीं होनी चाहिए ।’ जामा मस्जिद की अमन कमेटी के अध्यक्ष सैयद मुजीबुर्रहमान ने कहा , मेट्रों के किराये में वृद्धि पूरीतरह अस्वीकार्य है। किराया बढने से बुजुर्गाें ,दिव्यांंगों और कम आय वाले कामगारों तथा सार्वजनिक परिवहन प्रणाली पर निर्भर लोगों पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

 

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