कुल 4 अभियुक्त हुए गिरफ्तार
हैलो बीकानेर,। बीकानेर संभाग मुख्यालय की पुलिस ने साईबर क्राईम के जरिए बीकानेर की एक महिला से 56 लाख रूपये की ठगी का ख्ुालासा करते हुए एक महिला सहित 4 व्यक्ति गिरफ्तार किए हैं। बीकानेर रेंज के आईजी पुलिस बिपिन कुमार पाण्डेय ने कंट्रोल रुम में पत्रकारों को बताया कि 29 नवम्बर 2016 को नीतू शर्मा निवासी बीकानेर ने एक परिवाद एसपी कार्यालय में पेश की तथा बताया कि उसने जीवनसाथी डॉट कॉम मैट्रोमोनियल वेबसाईट पर अपनी प्रोफाईल अपलोड की थी जिसके माध्यम से यू.के. के पारस प्रेमकुमार ने मुझ से व्हाट्सएप से सम्पर्क किया तथा हमारे बीच बातचीत होने लगी। फिर उसने बताया कि मैं यूएन एयरफोर्स में एयरक्राफ्ट इंजीनियर हूं तथा ईराक में पदस्थापित हूं। मैं मूलत: भारतीय हूं तथा आगे भारत में स्थापित होना चाहता हूं। मेरे पास 5 मिलियन पोंड की संपति है तथा मैं आपसे शादी करके भारत में स्थापित होना चाहता हूं। अत: मैं आपको 2.50 मिलियन पौंड की संपति भेज रहा हूं। भारत व ईराक के मध्य एक डिप्लोमटिक पाऊच सर्विस चल रही है। ईराक एम्बेसी में जैम्स डेविड नामक व्यक्ति के साथ में 2.50 मिलीयन पौंड भेज रहा हूं। कुछ दिन बाद नीतू के पास जैम्स डेविड नाम के व्यक्ति का कॉल आया तथा दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने तथा पाऊच का किराया 70 हजार रूपये जमा करवाने के लिए दो फर्जी खाता नम्बर उपलध करवाए गए। तत्पश्चात अगले दो माह तक उसके पास कॉल आते रहे तथा कभी फायनेंस इन्टेलिजेंस सैयुरिटी आरबीआई मुम्बई के नाम का जाली नोटिस भेज कर, दिल्ली पुलिस के जाली कलियरेन्स सर्टिफिकेट दिखा कर, कस्टम कलियरेन्स सर्टिफिकेट, इन्कम टैस कलियरेन्स सर्टिफिकेट के नाम पर अलग अलग खातों में माह नवम्बर 2016 तक लगभग 56 लाख रूपये डलवा लिए तथा अभी भी मेरे से और रूपये डलवाने को कह रहा है। मेरे साथ ठगी हुई है, वगैरा वगैरा । परिवाद पर पुलिस थाना सदर में अभियोग दर्ज कर थानाधिकारी सदर लक्ष्मणसिंह द्वारा अनुसंधान शुरू किया गया तथा संबंधित बैंकों से उत खातों का रिकॉर्ड प्राप्त किया गया। तत्पश्चात पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर के निर्देशन पर उत प्रकरण को सफल बनाने के लिए पुलिस निरीक्षक प्रभारी सी.आई.यू. नरेन्द्र कुमार पूनियां के नेतृत्व में कन्हैयालाल उ.नि., सत्यनारायण गोदारा उ.नि., संदीप बिश्नोई उ.नि., नानुराम हैड कानि. रैंज कार्यालय, रामस्वरूप कानि. 1720 सी.आई.यू. तथा दीपक यादव कानि. साईबर सैल बीकानेर की टीम गठित की गई। जिन्होंने अतिरित पुलिस अधीक्षक ग्रामीण लालचन्द कायल के मार्गदर्शन में लगभग चार माह तक कड़ी मेहनत करते हुए इस पूरे प्रकरण का खुलासा किया। अनुसंधान में इसमें दिल्ली स्थित नाईजीरियन गु्रप शामिल होना पाया गया है, जो अलग अलग साईटों से डाटा एकत्रित कर फेसबुक या ट्विटर आदि सौशल साईटो से व्यक्ति विशेष का विश्लेषण कर उसके करेटर के अनुसार एसएमएस,ई-मेल याव्हाट्स एप से सम्पर्क करते हंै तथा उनसे अलग अलग तरीकों से ठगी कर विभिन्न भारतीय बैंको में स्थित बैंक खातो में पैसे डलवा लेते हंै। चूंकि नाईजीरियन लोगो के बैंक खाते भारत में नहीं खुल सकते, इस कारण ये लोग स्थानीय लोगों को फर्जी आई.डी. प्रूफ बनवाकर देते हैं तथा उनके विभिन्न बैंकों में एक ही आई.डी. से कई सारे चालू खाते खुलवाते हैं तथा वेरिफिकेशन के लिए बाकायदा मकान, दुकान आदि किराया पर लेकर फर्जी आई.डी. से इकरारनामा करके बैक में देते हैं। किसी अन्य की वोटर आई.डी. लेकर उस पर स्वयं की फोटो लगाकर फर्जी आई.डी. तैयार कर स्थानीय लोग भारत के विभिन्न शहरों में स्थित बैंको में अपने नाम से तथा फर्जी फर्म के नाम से खाते खुलवाते हैं। नाईजीरियन लोगों द्वारा ठगे जाने वाले लोगों से पैसा इन खातों में डलवाया जाता है। खाताधारक का दिल्ली में कैम्प रहता है तथा खाताधारक व नाईजीरियन के बीच भी एक कड़ी रहती है। बैंक में पैसा आते ही तुरन्त दूसरे कई सारे खातों में छोटी अमाउण्ट के रूप म ेंआरटीजीएस तथा एनईएफटी के माध्यम से ट्रांसफर कर छोटी अमाउन्ट एटीएम तथा बड़ी अमाउंट सेल्फ चैक से निकलवा लिए जाते हंै तथा गोल्ड वगैरा भी खरीद लिए जाते हंै। उत विड्रॉल की गई रकम व गोल्ड की नाईजीरियन को तुरन्त डिलिवरी कर दी जाती है। इस संपूर्ण कार्य के लिए खाता धारक तथा मध्यस्थ को 10 से 15 प्रतिशत तक का कमीशन दिया जाता है। बीकानेर में जो फ्रॉड किया गया था उसमें बीकानेर, पटना, दिल्ली, गुवाहाटी, पुणे के बैंक खातोंं का प्रयोग किया गया। बीकानेर में शिवराम एन्टप्राईजेज तथा अनिल कुमार मांझी के नाम से एक ही व्यक्ति द्वारा खाते ख्ुालवाए गए तथा पटना में श्रीराम एन्टरप्राईजेज तथा अभय गुप्ता के नाम से खाते खुलवाए गए। दोनों जगह खातों में एक ही व्यक्ति की फोटो लगी हुई थी। इन दोनों जगह पर करीब 49,42,000 रूपये डलवाये गए। टीम द्वारा कड़ी मेहनत करते हुए इन खातों तथा इनसे जुड़े मोबाईल की डिटेल का विश्लेषण कर मुखबिरों का जाल बिछाते हुए इस गैंग के खाता धारक तथा सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है। तथाकथित खाताधारक अनील कुमार उर्फ अभय गुप्ता का वास्तविक नाम जिला चतरा (झारखण्ड) निवासी अजीत कुमार यादव निकला जिसे बापर्दा गिरफ्तार करते हुए कार्यवाही शिनाख्तगी हेतु जेल भेजा गया है। इसके अलावा श्रवणसिंह सोढा उम्र 34 वर्ष निवासी सिलोर समदड़ी जिला बाड़मेर हॉल बालोतरा, विरेन्द्रनाथ उर्फ महाराज गोस्वामी उम्र 30 वर्ष निवासी पालड़ी नाथ की जोधपुर तथा अनिता पुत्री विजय कुमार उम्र 37 वर्ष निवासी डीएलएफ फैज प्रथम गुडग़ांव को गिरफ्तार किया जाकर रिमाण्ड पर लिया गया है। नाईजीरियन दिल्ली में बड़ी संख्या में इस प्रकार की ठगी में लिप्त है जो स्टूडेन्ट वीजा पर भारत आकर यहां अवैध रूप से रहते है तथा ठगी से प्राप्त पैसों को नाईजीरियन तुरन्त हवाला से अफ्रिका ट्रांसफर कर देते है। इन्ही खातों का प्रयोग करते हुए इस गैंग द्वारा हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा मे करीब 13 लाख व चण्डीगढ में करीब 11 लाख रूपये की ठगी की गई है। बीकानेर पुलिस द्वारा इनके करीब सैंकडो खाते संज्ञान में आने पर फ्रीज करवाए गए हंै, जिनमे करीब 35 से 40 लाख रूपये अभी भी जमा है। इनसे करीब 3,00,000 रूपये बरामद किए गए है। इस प्रकार की साईबर ठगी की अन्तरराष्ट्रीय गैंग का बीकानेर पुलिस द्वारा पहली बार खुलासा किया गया है। जिसमें बीकानेर के साईबर एसपर्ट योगेन्द्र सुथार का अहम योगदान रहा है। नाईजीरियन तथा इस गैंग के अन्य सद्स्यों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की अलग अलग टीमें बनाई जाकर गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हंै।इन पुलिसकर्मियों का रहा योगदान
गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में लक्ष्मणसिंह थानाधिकारी पुलिस थाना सदर, मनोज शर्मा थानाधिकारी पुलिस थाना जामसर, सुभाषचन्द्र थानाधिकारी पुलिस थाना कालू, परमेश्वर सुथार थानाधिकारी पुलिस थाना पांचू, पुष्पेन्द्रसिंह कानि. पुलिस थाना बीछवाल, औमप्रकाश कानि. सीआईयू , मनफूल गीला कानि. सीआईयू, राजेश कुमार चालक सीआईयू, का योगदान रहा है।
गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में लक्ष्मणसिंह थानाधिकारी पुलिस थाना सदर, मनोज शर्मा थानाधिकारी पुलिस थाना जामसर, सुभाषचन्द्र थानाधिकारी पुलिस थाना कालू, परमेश्वर सुथार थानाधिकारी पुलिस थाना पांचू, पुष्पेन्द्रसिंह कानि. पुलिस थाना बीछवाल, औमप्रकाश कानि. सीआईयू , मनफूल गीला कानि. सीआईयू, राजेश कुमार चालक सीआईयू, का योगदान रहा है।