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हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.com,      जोधपुर।  राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण जयपुर चलपीठ, जोधपुर ने प्रार्थी दिनेश कुमार मेघवाल द्वारा प्रस्तुत अपील को स्वीकार करते हुऐ उसे वर्ष 2010-2011 की रिक्तियो के विरूद्व स्कूल व्याख्याता एवं उसके पश्चात वर्ष 2018-2019 की रिक्तियो के विरूद्व प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति देने का आदेश पारित किया।

 

 

 

 

 

तहसील सालासर जिला चुरू निवासी दिनेश कुमार मेघवाल की नियुक्ति अध्यापक ग्रेड द्वितीय के पद पर दिनांक 22.12.1996 को हुई थी। नियुक्ति के पश्चात वर्ष 2005 मे प्रार्थी ने राजनिति विज्ञान मे स्नाकोतर (एम.ए.) की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। प्रार्थी की योग्यता भी वर्ष 2005 मे सहायक निदेशक माध्यमिक शिक्षा चुरू द्वारा उसकी सर्विस बुक में इन्द्राज कर ली गयी।

 

 

 

 

 

 

विभाग द्वारा उसकी सर्विस बुक में की गयी इन्द्राज के पश्चात उसे वरिष्ठता भी उसी अनुरूप प्रदान कर दी गयी। कालांतर मेें प्रार्थी से कनिष्ठ कर्मचारियो को वर्ष 2010-2011 की रिक्तियो के विरूद्व स्कूल व्याख्याता के पद पर पदोन्नति प्रदान की गयी। लेकिन प्रार्थी को वर्ष 2013-2014 की रिक्तियो के विरूद्व स्कूल व्याख्याता के पद पर राजस्थान शिक्षा सेवा नियमो के तहत पदौन्नति प्रदान की गयी व बाद में वर्ष 2018-2019 की रिक्तियो के विरूद्व प्रार्थी से कनिष्ठ स्कूल व्याख्याताओ को पुनः प्रधानाचार्य के पद पर पदौन्नति प्रदान कर दी गयी लेकिन विभाग द्वारा प्रार्थी को प्रधानाचार्य के पद पर पदौन्नति प्रदान नही की गयी।

 

 

 

 

 

अपीलार्थी को प्रधानाचार्य के पद विरूद्व पदौन्नति नही देने के स्कूल व्याख्याता के पद पर देरी से पदौन्नति देने के कारण प्रार्थी ने कई अभ्यावदेन प्रस्तुत किये व अंत मे अपने अधिवक्ता के माध्यम से विधिक नोटिस भी भेजा मगर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नही की गयी।

 

 

 

 

 विभाग के इस कृत्य से व्यथित होकर प्रार्थी ने अपने अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा के माध्यम से एक अपील अधिकरण के समक्ष प्रस्तुत की। प्रार्थी के अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा का अधिकरण के समक्ष यह तर्क दिया  कि प्रार्थी द्वारा अपने योग्यता अभिवृद्धि वर्ष 2005 मे ही अर्जित कर ली गयी व विभाग द्वारा उसकी सर्विस बुक में इन्द्राज भी वर्ष 2005 से ही कर दिया गया।

 

 

 

इसके पश्चात भी विभाग द्वारा प्रथम तो उसे स्कूल व्याख्याता के पद पर देरी से पदौन्नति प्रदान करना यानि वर्ष 2013-2014 की रिक्तियो के विरूद्व पदौन्नति प्रदान करना जबकि उससे कनिष्ठ कर्मचारियो को वर्ष 2010-2011 की रिक्तियो के विरूद्व पदौन्नति करना अनुचित है जबकि वरिष्ठता का भी उचित निर्धारण कर लिया गया। इसके पश्चात कनिष्ठ स्कूल व्याख्याताओ को वर्ष 2018-2019 की रिक्तियो के विरूद्व प्रधानाचार्य के पद पर पदौन्नति प्रदान करना एवं प्रार्थी को यह लाभ प्रदान करना विधि सम्मत नही है।

 

 

 

 

 

 

प्रार्थी के अधिवक्ता के तर्को से सहमत होते हुए माननीय अधिकरणने प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत अपील को स्वीकार करते हुए उसे उससे कनिष्ठ कर्मचारियो को जिस दिन से स्कूल व्याख्याता के पद पर पदोन्नति प्रदान की गयी उसी दिन से स्कूल व्याख्याता के पद पर पदौन्नति प्रदान करने व उसके पश्चात उसे भी वर्ष 2018-2019 की रिक्तियो के विरूद्व प्रधानाचार्य के पद पर पदौन्नति प्रदान करने का आदेश प्रदान किया साथ ही माध्यमिक शिक्षा विभाग को आदेश की पूर्ण पालना तीन माह के भीतर करने का आदेश दिया।

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