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जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को हिंगोनिया गोशाला मामले में फैसला सुनाते हुए सरकार से कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि गाय की हत्या करने वाले को उम्रकैद की सजा देनी चाहिए। बता दें कि 2016 में सरकार की ओर से चलाई जाने वाली हिंगोनिया गोशाला में सैकड़ों गायों की मौतों का मामला सामने आया था। हर तीन महीने में गोशाला की रिपोर्ट तैयार की जाए-HC
ye betiyaan– HC के जज महेश चंद्र शर्मा ने कहा, “एंटी करप्शन ब्यूरो को हर तीन महीने में गोशाला पर रिपोर्ट तैयार करनी होगी। म्यूनिसिपल कमिश्नर और दूसरे अधिकारियों को हर महीने गोशाला जाकर जांच करनी चाहिए। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट गोशाला में हर साल 5000 पौधे लगाए।”
– बता दें कि राजस्थान HC का फैसला ऐसे वक्त आया है, जब केंद्र ने मारने के मकसद से मवेशियों को खरीदने और बेचने पर बैन लगा दिया है। इस फैसले का केरल और कर्नाटक में विरोध हो रहा है।
लापरवाही के चलते हुई थीं मौतें- रिपोर्ट
– पिछले साल इस गोशाला में सैकड़ों गायों की मौतों की खबर के बाद राजस्थान सरकार ने इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी और गोशाला के हालात सुधारने की बात कही थी। रिपोर्ट में सामने आया था कि गायों की मौत गोशाला के रख-रखाव में खामियों की वजह से हुई है।
– राजस्थान के मिनिस्टर राजेंद्र नाथ ने कहा, “सीएम ने रिपोर्ट मांगी है और हम एक एक्शन प्लान तैयार कर रहे हैं, ताकि हिंगोनिया में हालात सुधारे जा सकें।’
शुरुआत में अफसरों ने लापरवाही की बात को नकारा था
– गायों की मौतों के मामले में जब अधिकारियों से सवाल उठे तो उन्होंने लापरवाही की बात नहीं मानी। अधिकारियों ने कहा कि जिन गायों की मौत हुई हैं, वो पहले से ही बीमार थीं और कुपोषण का शिकार थीं।
– बता दें कि हिंगोनिया गोशाला में 8000 से ज्यादा गायें हैं और 14 डॉक्टर, 24 असिस्टेंट और 200 अन्य स्टाफ उनकी देखभाल के लिए यहां मौजूद है।
करोड़ों का बजट, फिर भी मौतें
– मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंगोनिया गोशाला में 2011-12 में 3.59 करोड़ रुपए खर्च किए गए। वहीं, जिस साल गाय की मौतों का मामला हुआ, यानी 2015-16 में ये बजट बढ़कर 10.78 करोड़ रुपए हो गया था। 2014-15 में गोशाला के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 7.59 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
केंद्र के पशु बिक्री बैन पर मद्रास HC ने लगाई 4 हफ्ते की रोक
– मंगलवार को मारने के मकसद से मवेशियों की खरीद-बिक्री बैन करने वाले केंद्र के नोटिफिकेशन पर मद्रास हाईकोर्ट की मदुरई बेंच ने रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने 4 हफ्ते के भीतर राज्य और केंद्र सरकार से जवाब मांगा। हाईकोर्ट में दायर पिटीशन में कहा गया है कि किसे क्या खाना है, यह तय करना हर शख्स का अधिकार है और इसे कोई दूसरा आदमी तय नहीं कर सकता।
IIT मद्रास में बीफ फेस्ट में हिस्सा लेने पर स्टूडेंट को पीटा
– इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मद्रास में बीफ फेस्ट कराने के आरोप में एक पीएचडी स्कॉलर की मंगलवार को कुछ लोगों ने पिटाई कर दी थी। इस स्कॉलर की आंख में चोट आई है। आरोप है कि ये हमला राइट विंग के स्टूडेंट्स ने किया है।
– घटना के बाद IIT-M के बाहर स्टूडेंट ने प्रोटेस्ट किया। बता दें कि रविवार रात IIT-M में बीफ फेस्ट का आयोजन किया गया था। इसमें 70-80 स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया था। स्टूडेंट केंद्र सरकार के पशु बिक्री बैन का विरोध कर रहे थे।

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