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हैलो बीकानेर न्यूज नेटवर्क, www.hellobikaner.com, जयपुर। ए.सी. बी. मुख्यालय के निर्देश पर उदयपुर इकाई द्वारा आज चित्तौड़गढ़ में कार्यवाही करते हुये राजेन्द्र प्रसाद लखारा अधिशासी अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग खंड चित्तौड़गढ़ को परिवादी से 4 लाख रुपये रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

 

 

 

 

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी (अतिरिक्त चार्ज महानिदेशक) ने बताया कि ए.सी.बी. की उदयपुर इकाई को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि उसकी फर्म द्वारा करवाये जा रहे तीन वर्क आर्डर लागत क्रमशः 1 करोड़ 97 लाख, 2 करोड़ 11 लाख एवं 2 करोड़ 7 लाख रुपये के पेट करीब 2 करोड़ रुपये के कार्य किये गये हैं। जिनके पेटे विभाग द्वारा उसे 1 करोड़ रुपये का भुगतान पूर्व में किया जा चुका है।

 

 

 

 

 

उक्त कार्यों के बकाया भुगतान करीब 1 करोड़ रुपये के बिलों को पास करने की एवज में राजेन्द्र प्रसाद लखारा अधिशासी अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग खंड चित्तौड़गढ़ द्वारा पुराने भुगतान में कमीशन 2 लाख रुपये एवं अर्थ – वर्क के बिल भुगतान के पेटे 3 लाख 50 हजार रुपये कुल मिलाकर 5 लाख 50 हजार रुपये रिश्वत राशि मांग कर परेशान किया जा रहा है।

 

 

 

 

परिवादी के अनुसार आरोपी अधिशासी अभियंता द्वारा शिकायत से पूर्व ही 1 लाख 50 हजार रुपये रिश्वत के रूप में वसूल कर लिये हैं तथा 4 लाख रुपये रिश्वत राशि देने के बाद ही पैडिंग बिलों को पास करने को कहा है।

 

 

 

 

जिस पर एसीबी, उदयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस राजेन्द्र प्रसाद गोयल के सुपरवीजन में एसीबी उदयपुर इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया जाकर आज पुलिस निरीक्षक आदर्श कुमार, डॉ. सोनू शेखावत द्वारा मय टीम के चित्तौड़गढ़ में ट्रेप कार्यवाही करते हुये राजेन्द्र प्रसाद लखारा अधिशासी अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग खंड चित्तौड़गढ़ को परिवादी से 4 लाख रुपये (1 लाख 50 हजार रुपये भारतीय मुद्रा एवं 2 लाख 50 हजार रुपये डमी कैरेंसी) रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। उल्लेखनीय है कि आरोपी अधिशासी अभियंता द्वारा शिकायत से पूर्व ही परिवादी से 1 लाख 50 हजार रुपये रिश्वत के रूप में वसूल कर लिये गये थे।

 

 

 

 

एसीबी के महानिरीक्षक पुलिस सवाई सिंह गोदारा के निर्देशन में आरोपी से पूछताछ जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा ।

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