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हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.com,                          राजस्थान।  मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ का उदयपुर में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 81 वर्षीय अरविंद सिंह महाराणा प्रताप के वंशज थे। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि लंबे समय से बीमार चल रहे अरविंद सिंह का इलाज उनके उदयपुर स्थित आवास पर चल रहा था। आज रविवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। वह भगवंत सिंह मेवाड़ और सुशीला कुमारी के पुत्र थे। उनके बड़े भाई महेंद्र सिंह मेवाड़ का पिछले साल नवंबर में निधन हो गया था।

 

 

 

 

अरविंद सिंह बने संपत्ति के एग्जीक्यूटर

पूर्व महाराणा भगवंत सिंह मेवाड़ ने साल 1963 से लेकर 1983 के बीच में पूर्व राजपरिवार की कई प्रॉपर्टी को लीज पर दे दिया था। पिता के इस फैसले से बड़े बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ नाराज थे। इसी नाराजगी के चलते उन्होंने कोर्ट में केस फाइल कर दिया। उन्होंने केस के दौरान कोर्ट में कहा कि रूल ऑफ प्रोइमोजेनीचर प्रथा को छोड़कर पैतृक संपत्ति को सभी में बराबर बांटा जाए। इसके बाद नाराज पिता ने अपनी वसीयत लिखी और संपत्ति का एग्जीक्यूटर छोटे बेटे अरविंद सिंह मेवाड़ को बना दिया।

 

 

 

अजमेर, उदयपुर और यूके में रहकर की पढ़ाई

अरविंद सिंह मेवाड़ ने शुरूआती पढ़ाई-लिखाई घर पर रहकर ही प्राप्त की थी। इसके बाद उन्हें अजमेर पढ़ने के लिए भेज दिया गया। यहां के मशहूर मेयो कॉलेज में रहकर उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उदयपुर के महाराणा भूपाल कॉलेज से आर्ट्स से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद वो पढ़ने के लिए विदेश चले गए। अरविंद सिंह मेवाड़ ने यूके के सेंट एल्बंस मेट्रोपॉलिटन कॉलेज से होटल मैनेजमेंट की डिग्री हांसिल की थी।

 

 

 

सामाजिक कार्य और समेत कई पदों से जुड़े रहे

कॉलेज की पढ़ाई-लिखाई के बाद सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिर रहे थे। उन्होंने एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया था। इसके अलावा वो महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन ट्रस्ट, महाराणा मेवाडट ऐतिहासिक प्रकाश ट्रस्ट का हिस्सा भी रहे थे। होटल्स से जुड़े व्यवसायों से जुड़े रहने की साफ वजह उनकी होटल मेनेजमेंट से जुड़ी शिक्षा भी थी।

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