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हैलो बीकानेर । वर्तमान परिवेश में पेशेवर पाठ्यक्रमों की उपयोगिता बढ रही है। देश की बढती अर्थव्यवस्था में उद्योग व्यवसाय क्षेत्र में योगदान को देखते हुए विशेषज्ञ पेशेवरों की मांग निरन्तर बढ रही है। इस दृष्टि से रोजगार और स्वरोजगार के लिए पेशेवर कोर्स विद्यार्थियों को सम्मानजनक रोजगार उपलब्ध करवा सकते है। ऐसे पाठयक्रमों में कम्पनी सचिव पाठ्यक्रम काफी महत्वपूर्ण है क्योकि आज के दौर में निगमित शासन पर बल दिया जा रहा हैं जिसे लागू करने में कम्पनी सचिवों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसी प्रकार अन्य पेशेवर व्यक्ति भी देश की अर्थव्यवस्था को चलाने में विभिन्न रूपों में सहयोग करते है। यह बात आज अजित फाउण्डेशन में आयोजित रोजगार-स्वरोजगार मार्गदर्शन श्रृंखला के अन्तर्गत आयोजित सेमीनार केरियर काउंसलर एवं भारतीय कम्पनी सचिव संस्थान के काउंसलर डॉ. अजय जोशी ने कही। इस सेमीनार में सम्प्रेषण कौशल पर अपने विचार व्यक्त करते हुए क्मयूनिकेशन स्किल ट्रेनर सुश्री सरिता चांडक ने रोजगार एवं स्वरोजगार के साथ जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सम्प्रेषण कुशलता को जरूरी बताया।

उन्होंने कहा कि एक कुशल संप्रेषण करने वाला व्यक्ति सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकता है तथा अपनी बात सहजता से लोगो तक पहुंचा सकता है।  इस क्रम में जिला रोजगार कार्यालय के श्री नगेन्द्र किराडू ने बेरोजगारों के लिए ऑन पंजीयन की प्रक्रिया की जानकारी दी। साथ ही सरकार द्वारा कौशल विकास के लिए चलाई जाने वाली योजनओं के अन्तर्गत मिलने वाले लाभों एवं सुविधाओं के बारे में बताया।  सेमीनार की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान के प्रथम कम्पनी सचिव श्री लक्ष्मी चन्द पुरोहित ने विद्यार्थियों को अपने अध्ययन और रोजगार में पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ कार्य करना चाहिए। उन्होंने इस प्रकार के मार्गदर्शन कार्यक्रमों का अधिक से अधिक आयोजन करने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम सहसंयोजक विनय थानवी ने कहा कि वर्तमान में तकनीकी वातावरण के बावजूद भी समय-समय पर युवाओं को विषय विशेषज्ञ के साथ संवाद कार्यक्रम चर्चा करवाने की अति आवश्यकता रहती है। अजित फाउण्डेशन सभी सदैव युवाओं के सर्वांगीण विकास हेतु प्रतिबद्ध है।  संस्था समन्वय संजय श्रीमाली ने कार्यक्रम का संयोजन एवं मंच संचालन किया।  इस सेमीनार में श्री अरविन्द पुरोहित, साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार, सुनीता श्रीमाली, चांदनी पुरोहित, अशोक थानवी, ममता, गायत्री आदि कई युवा-युवती शामिल हुए।

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