RNB Global University

RNB Global University

Share

बीकानेर। तीसरे सेठ जगन्नाथ बजाज मेमोरियल आरएनबी जीयू नेशनल मूट कोर्ट कम्‍पीटिशन 2020 के फाइनल का आयोजन किया गया। तीन दिन तक चले इस कम्‍पीटिशन में पूरे भारत से कुल 17 टीमों ने भाग लिया।

सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार गया, सिंबायोसिस लॉ कॉलेज, पुणे, यूएलआईएस यूनिवर्सिटी, देहरादून, राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी पटियाला, पंजाब, सिंबायोसिस लॉ स्कूल, हैदराबाद, जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी जोधपुर, क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बेंगलुरू, सस्त्र यूनिवर्सिटी थंजावुर, ठाकुर रामनारायणन कॉलेज ऑफ लॉ, दहिसर मुंबई, राजस्थान कॉलेज ऑफ लॉ, कानोरिया कॉलेज केंपस, जयपुर, यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज देहरादून, चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी पटना, बिहार, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर, जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी, जयपुर ने प्रतिस्पर्धा में उत्साह पूर्ण तरीके से भाग लिया। कुल 17 टीमों में से 4 टीम ने सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया। सेमीफाइनल में इक्फ़ाई यूनिवर्सिटी, देहरादून, सिंबायोसिस लॉ स्कूल हैदराबाद, सस्त्र यूनिवर्सिटी, थंजावुर और क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु स्थान पाने में कामयाब रहे।

कार्यक्रम में राजस्थान यूनिवर्सिटी के कई असिस्टेंट प्रोफेसर व प्रोफेसर स्कोर जज के रूप में आमंत्रित किया गया था, जिसमें आरती शर्मा, दीक्षा शर्मा, पूनम विश्नोई, डॉक्टर वीनू राजपुरोहित, डॉ. नमिता जैन, डॉक्टर किरण राज, राखी शर्मा, अलकनंदा राजावत और डॉक्टर प्रियंका जोशी शामिल थे। इस दौरान सभी जजों ने टीमों के सदस्यों से मूट प्रॉब्लम से संबंधित कई सवाल किए और प्रतिभागियों ने उन सवालों का सफलतापूर्वक जवाब दिया। विभिन्न कसौटियों पर प्रतिभागियों की अधिवक्ता कला का परीक्षण किया गया और फाइनल में कुल 8 न्यायाधीशों की बेंच ने एकमत से क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बेंगलुरू की टीम को विजेता घोषित किया।

कार्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ मेमोरियल का खिताब सस्त्र यूनिवर्सिटी थंजावुर को मिला, वहीं सर्वश्रेष्ठ शोध करने के लिए चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी पटना बिहार के करण सिंह रौतेला को बेस्ट रिसर्चर का इनाम दिया गया। इनाम के रूप में विजेता टीम को कुल ₹21000 नकद प्रमाण पत्र व ट्रॉफी दी गई, वहीं उपविजेता टीम को ₹11000 नकद प्रमाण पत्र तथा ट्रॉफी दी गई। सर्वश्रेष्ठ वक्ता के रूप में सिंबायोसिस लॉ स्कूल हैदराबाद की सुरभि श्रीनिवासन को चुना गया, उन्हें नकद पुरस्कार के साथ-साथ प्रमाण पत्र तथा ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया।

पारितोषिक वितरण समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान हाई कोर्ट के जस्टिस माणक मोहता थे। जस्टिस मोहता ने सभी प्रतिभागियों को इस प्रतिस्पर्धा में शामिल होने के लिए बधाई दी। उन्होंने विजेता और उपविजेता टीमों तथा अन्य विजेताओं को भी बधाई दी। वहीं, विशिष्ट अतिथि के रूप में बीकानेर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश मदन लाल भाटी उपस्थित थे। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।

जस्टिस माणक मोहता ने संविधान के अनुच्छेद 20 में दिए गए दोहरे दंड के विरुद्ध संरक्षण की व्याख्या करते हुए हाईकोर्ट के उनके कार्यकाल के दौरान आए एक दाण्डिक मुकदमे का उल्लेख किया जिसमें एक व्यक्ति को हत्या के आरोप में दोष सिद्ध किया गया और न्यायालय द्वारा कारावास से दंडित किया गया उसके उपरांत भी समाज में दंड आदेश भुगतने के बाद उस व्यक्ति की स्थिति दयनीय थी। इस और भी उन्होंने भावी अधिवक्ताओं को ध्यान देने का आग्रह किया, ताकि उस व्यक्ति का सामाजिक पुनर्वास भी संभव हो सके। वहीं, जिला एवं सत्र न्यायाधीश मदन लाल भाटी ने रील तथा रियल लाइफ के अंतर को समझने का आग्रह किया और विद्यार्थी जीवन में अपने गुरुजनों का सम्मान करके उनसे अधिकाधिक ज्ञान प्राप्त करने का आह्वान भी किया।

About The Author

Share

You cannot copy content of this page