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बीकानेर। डूंगर महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग द्वारा यूजीसी की सामथ्र्य निर्माण योजना के तहत दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ प्रताप सभागार में हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि टाटिया विश्वविद्यालय श्रीगंगानगर के प्रो. एम.एम. सक्सेना, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान संस्थान बीकानेर के निदेशक डॉ. एन.वी.पाटिल रहे। समारोह की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. बेला भनोत ने की। कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने मां सरस्वती के आगे दीप प्रज्जवलन कर वन्दना की।
विभागाध्यक्ष डॉ. मीरा श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। डॉ. प्रताप सिंह ने जंतुओं के उद्विकास एवं घटती संख्या पर चिन्ता व्यक्त की। सहायक निदेशक डॉ. दिग्विजय सिंह ने विद्यार्थियों को शोध की मूलभूत आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. वी.एन. पाटिल ने बदलते हुए प्राकृतिक वातावरण एवं मनुष्य की आक्रामक प्रवृति के कारण होने वाले प्रतिकूल प्रभावों से होने वाले नुक्सान एवं इससे बचने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होनें बताया कि इस प्रकार की कार्यशाला से विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा हो सकेगी। मुख्य अतिथि प्रो. एम.एम.सक्सेना ने डूंगर कॉलेज में प्राणीशास्त्र विभाग में चल रही शोध गतिविधियों को सराहा। डॉ. सक्सेना ने कहा कि जन्तुओं की पहचान करना प्राणीविज्ञान का एक अति महत्वपूर्ण भाग है। उन्होनें बताया कि जन्तुओं की विशेष पहचान किये बिना उनकी जैव विविधता जानना असम्भव है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. बेला भनोत ने बताया कि इस प्रकार की कार्यशाला से यूजीसी का मूल उद्देश्य पूर्ण हो सकेगा। उन्होंने विभाग की डॉ. मीरा श्रीवास्तव व डॉ. राजेन्द्र पुरोहित की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त उपलब्धियों का विशेष रूप से उल्लेख किया। इस अवसर पर प्राणीशासत्र विभाग के सेवानिवृत सदस्यों को पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया । आयोजन सचिव डॉ. राजेन्द्र पुरोहित ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. दिव्या जोशी एवं डॉ. अरूणा चक्रवर्ती ने किया।

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