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कोलायत /दियातरा, धर्मेश पुष्करणा।  “देश में हो रहे जलवायु परिवर्तन का प्रभाव, हर व्यक्ति पर पड़ रहा है और दिनों दिन जल संकट बढता जा रहा है। इससे बचने के लिए समुदाय को मिलकर परम्परागत जल स्रोतों का रखरखाव करना होगा ताकि बारिश के पानी को संरक्षित किया जा सके” यह विचार उन्नति संस्थान, जोधपुर के दिलीप सिंह बीदावत ने कोलायत ब्लॉक के दूरदराज के गाँव कोलासर पश्चिम व मोटासर में आयोजित समुदाय की बैठकों में व्यक्त किये।

उन्होंने गाँव में उरमूल सीमांत समिति द्वारा निर्मित तलाई, सामुदायिक व व्यक्तिगत कुण्डों का भी अवलोकन किया और इस व्यवस्था को गाँव की कमेटी के माध्यम से नियमित रखरखाव व संरक्षण के लिए प्रेरित किया. बीदावत ने गाँव के वृक्षों व उन पर जीवन बसर कर रहे पक्षियों को बचाने के लिए कार्य करने को प्राथमिकता दिये जाने पर बल दिया।

उरमूल सीमांत समिति के कार्यक्रम समन्वयक रवि चतुर्वेदी ने पूरे गाँव के सहयोग से तलाई में श्रमदान करके सुधारने का आव्हान किया. गाँव की जल कमेटी के सुण्डाराम व बैठक में उपस्थित अन्य युवाओं ने जल स्रोतों का नियमित रखरखाव का विश्वास दिलाया. ग्राम पंचायत नगरासर के अधीन इस कोलासर पश्चिम गांव को जल संरक्षण आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किये जाने के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 की “ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी)” में जल संरक्षण के कार्यों का प्रस्ताव देने का निर्णय लिया गया. समन्वयक कंवरसिंह ने गाँव के प्रत्येक व्यक्ति को जल संरक्षण के परम्परागत जल स्रोतों के रखरखाव के लिए एकजुटता से कार्य करने के लिए प्रेरित किया. मोटासर गांव में ग्रामीणों ने बताया कि गाँव की तलाई में ज्यादा समय तक पानी नहीं ठहरने से समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अत: ग्राम पंचायत की जीपीडीपी में इस तलाई का काम करवाने का प्रस्ताव दिया जायेगा।

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