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राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने किया था आवेदन से वँचित

 

हैलो बीकानेर न्यूज नेटवर्क, चूरू, मदन मोहन आचार्य राजस्थान हाई कोर्ट जोधपुर ने सोमवार को अहम आदेश पारित करते हुए एडिशनल स्नातक डिग्री उत्तीर्ण अभ्यार्थियों को वर्तमान में जारी रीट भर्ती में लेवल दो अंग्रेजी में शामिल करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही गत माह से असमंजस का सामना कर रहे एडिशनल स्नातक डिग्री अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है।

 

 

 

चारणवासी,रतनगढ़ निवासी सचिन महिया व 30 अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस दिनेश मेहता की अदालत ने अहम आदेश जारी करते हुए एडिशनल स्नातक डिग्री अभ्यर्थियों को उक्त रीट भर्ती के लेवल दो में शामिल करने व ऑनलाइन पोर्टल में इन अभ्यर्थियों के लिए आवश्यक संशोधन हेतु भर्ती एजेंसी राजस्थान कर्मचारी भर्ती बोर्ड को आदेशित किया है। प्रकरण का अंतिम निस्तारण उक्त याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगा।

 

 

याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट सुशील बिश्नोई ने दलील देते हुए कोर्ट को अवगत करवाया कि याचिकाकर्ताओं ने स्नातक डिग्री के उपरांत एडिशनल विषय के तौर पर अंग्रेजी विषय में स्नातक डिग्री उत्तीर्ण की है। भर्ती एजेंसी द्वारा इन अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन से वँचित कर गलत तरीके से इन्हें बाहर किया जा रहा है।

 

 

प्रकरण के संबंध में मामले पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। जस्टिस दिनेश मेहता की अदालत ने याचिकाकर्ताओं के वकील की दलीलों से सहमत होते हुए एडिशनल स्नातक डिग्री होल्डर्स अभ्यर्थियों को अंतरिम तौर पर वर्तमान में जारी रीट भर्ती में शामिल करने का आदेश दिया। साथ ही संबंधित नोडल एजेंसी को इन अभ्यर्थियों के ऑनलाइन फॉर्म आवेदन हेतु मॉड्यूल में आवश्यक संशोधन करने को भी कहा। अभ्यर्थियों की नियुक्ति उक्त याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी। कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से एडवोकेट दीपेश चौधरी ने की पैरवी जबकि सरकार की ओर से एएजी पंकज शर्मा ने रखा पक्ष।

 

 

एडिशनल डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को बड़ी राहत : मामले के जानकार वेदपाल धानोठी के अनुसार हाई कोर्ट के उक्त आदेश से एडिशनल स्नातक डिग्री सैकड़ों अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली।  सामान्य स्नातक डिग्री के बाद यदि को अभ्यर्थी अन्य विषयों में स्नातक होना चाहे तो एडिशनल स्नातक डिग्री ही एकमात्र विकल्प है। विभिन्न विश्वविद्यालय अपनी अकेडमिक कॉउंसिल के नियमानुसार उक्त डिग्री के तीनों वर्ष के पाठ्यक्रम को समान अंकभार के साथ एक वर्ष में उत्तीर्ण करने का अवसर देते हैं। आज तक उक्त डिग्री देशभर में मान्य है। सामान्य स्नातक डिग्री उपरांत अन्य विषयों में एडिशनल स्नातक के सिवाय कोई विकल्प छात्रों के पास नहीं है।

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