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हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, बीकानेर, hellobikaner.com  नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 में यह स्पष्ट उल्लेख है कि 10 वर्षीय जनगणना, निर्वाचन कार्य तथा आपदा प्रबंधन के अलावा शिक्षकों को किसी भी गैर शैक्षिक कार्य में नियुक्त नहीं किया जा सकता।

 

इसी प्रकार राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव एस. अहमद द्वारा 2011 में एवं परिपत्र क्रमांक एफ-21(19) शिक्षा / ग्रुप-1 /प्राशि / 09 जयपुर, दिनांक : 20/04/2012 तथा ड़ी. बी. गुप्ता द्वारा  5 जून, 2020 को जारी आदेश क्रमांक प.19 (12) शिक्षा – 2 / 2016 जयपुर, दिनांक : 05/06/2020 में यह फिर से स्पष्ट किया गया कि शिक्षा अधिकार कानून की पालना की जाए और शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यों में नियुक्त नहीं किया जाए परंतु राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लगातार मुख्य सचिव के आदेश और शिक्षा अधिकार कानून की अवहेलना करते हुए शिक्षकों पर बीएलओ सहित नाना प्रकार के गैर शैक्षिक कार्य थोपे जा रहे हैं।

 

 

प्रदेश मंत्री श्रवण पुरोहित ने बताया कि इसी पृष्ठभूमि में राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) द्वारा बीकानेर में आयोजित प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन में 25 नवंबर, 2022 को हजारों शिक्षकों ने यह संकल्प लिया था कि आने वाली 26 जनवरी, 2023 से राजस्थान के शिक्षक कानून की पालना करते हुए गैर शैक्षिक कार्यों का पूर्णतया बहिष्कार करेंगे।

 

 

हमारे देश का संविधान लागू होने का दिन गणतंत्र दिवस गैर शैक्षिक कार्यों के बहिष्कार की शुरुआत के लिए विशेष रूप से इसीलिए तय किया गया, क्योंकि हम सरकार से कोई मांग नहीं कर रहे हैं बल्कि छात्र हित, जनहित और शिक्षक हित में संविधान का सम्मान करते हुए कानून की पालना सुनिश्चित करने के अभियान का शुभारंभ कर रहे हैं। हमें पूरा विश्वास है कि इस अभियान में शिक्षा से सरोकार रखने वाले तथा बालकों के अधिकारों की परवाह करने वाले देश के तमाम नागरिक, शिक्षा अधिकारी, अन्य प्रशासनिक अधिकारी तथा राजनीतिक हस्तियां शिक्षकों के इस संकल्प और अभियान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे।

 

 

जिला अध्यक्ष भँवर पोटलिया ने तमाम शिक्षकों से आह्वान किया है कि इस  मुहीम में पूरी दृढ़ता से खड़े हों और 26 जनवरी, 2023 से कानून की पालना करते हुए समस्त गैर शैक्षिक कार्यों का बहिष्कार करें। गैर शैक्षिक कार्यों से यहां तात्पर्य हर उस काम से है जो शिक्षक के कक्षा कक्ष में पढ़ाने में बाधा उत्पन्न करता है।

 

 

जिला मंत्री शिव शंकर गोदारा ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बी.एल.ओ. सहित अनेक प्रकार के कार्य एवं शिक्षा विभाग द्वारा जिस तरह से अनेकानेक  ऑनलाइन कार्य थोपे जा रहे हैं वह भी शिक्षण में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। इसलिए 26 जनवरी से तमाम शिक्षकों को संकल्पबद्ध होकर अन्य गैर शैक्षिक कार्यों के बहिष्कार के साथ ही मोबाइल फोन को भी विद्यालय समय में पूर्णतया विश्राम देना होगा। हमें यह तय करना होगा कि हम किसी भी विभागीय काम में मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

 

 

नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 की धारा 27 में यह प्रावधान है कि “किसी भी शिक्षक को दस वर्षीय जनसंख्या जनगणना, आपदा राहत कर्तव्यों या, यथास्थिति, स्थानीय प्राधिकारी या राज्य विधान मण्डलों या संसद के निर्वाचनों से संबंधित कर्तव्यों से भिन्न किसी गैर-शैक्षिक प्रयोजनों के लिये अभिनियोजित नहीं किया जायेगा।”

 

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